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Showing posts from November, 2016

पुराण का आरम्भ तथा सृष्टि का वर्णन

नैमिषारण्य में सूत जी का आगमन , पुराण का आरम्भ तथा सृष्टि का वर्णन प्रत्येक कल्प और अनुकल्प में विस्तार विस्तारपूर्वक रचा हुआ यह समस्त मायामय जगत जिनसे प्रकट होता , जिनमे स्थित रहता और अंतकाल में जिनके भीतर पुनः लीन हो जाता जो इस दृश्य-प्रपंच से सर्वथा पृथक है , जिनका ध्यान करके मुनिजन सनातन मोक्षपद प्राप्त कर लेते हैं , उन नित्य , निर्मल , निश्चल तथा व्यापक भगवान पुरुषोत्तम जगन्नाथ जी को मैं प्रणाम करता हूँ। जो शुद्ध , आकाश के सामान निर्लेप , नित्यानंदमय , सदा प्रसन्न , निर्मल सबके स्वामी , निर्गुण , व्यक्त और अव्यक्त से परे , प्रपंच से रहित , एक मात्र ध्यान में ही अनुभव करने योग्य तथा व्यापक हैं , समाधिकाल में विद्वान पुरुष इसी रूप में जिनका ध्यान करते हैं , जो संसार कि उत्पत्ति और विनाश के एकमात्र कारण है , जरा-अवस्था जिनका स्पर्श भी नहीं कर सकती तथा जो मोक्ष प्रदान करने वाले हैं , उन भगवान श्री हरी की मैं वंदना करता हूँ। मुनि बोले – साधु शिरोमणे! आप पुराण , तंत्र , छहों शास्त्र , इतिहास तथा देवताओं और दैत्यों के जन्म-कर्म एवं चरित्र – सब जानते हैं। वेद , शास्त्र , पुराण ...

पुराण कितने है

पुराण कितने है ब्रह्म पुराण पद्म पुराण विष्णु पुराण शिव पुराण– ( वायु पुराण ) भागवत पुराण– ( देवीभागवत पुराण ) नारद पुराण मार्कण्डेय पुराण अग्नि पुराण भविष्य पुराण ब्रह्म वैवर्त पुराण लिङ्ग पुराण वाराह पुराण स्कन्द पुराण वामन पुराण कूर्म पुराण मत्स्य पुराण गरुड़ पुराण ब्रह्माण्ड पुराण

भागवत पुराण में दर्ज़ है गर्भधारण का पूरा विज्ञान, पढ़ें एक आश्चर्यजनक खोज

गर्भ में शिशु का निर्माण इंसान के जन्म की कहानी भी कितनी अद्भुत है। विज्ञान के अनुसार जब स्त्री के अंडाणु का पुरुष के शुक्राणु के द्वारा निषेचन होता है , तब गर्भ में एक शिशु का निर्माण होता है। धीरे-धीरे उसके शरीर के अंग बनते हैं , बाहरी अंगों के साथ अंदरूनी अंग भी पनपते हैं। एक लम्बा समय काटकर वह मां के गर्भ से बाहर आता है। गर्भधारण के पहले दिन से आखिरी दिन तक साइंस में यह सब प्रक्रिया बड़े सुचारू रूप से समझाई गई है। स्त्री के गर्भधारण करने के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक गर्भ के भीतर होने वाले प्रत्येक परिवर्तन को विस्तार से समझाया है विज्ञान ने। वैज्ञानिक भाषा में इस प्रक्रिया को ‘ भ्रूणविज्ञान ’ कहा जाता है। भागवत पुराण में भ्रूण विज्ञान लेकिन आधुनिक विज्ञान से वर्षों पहले ही भागवत पुराण में भ्रूण विज्ञान का उल्लेख कर दिया गया था। कपिल मुनि द्वारा एक शिशु के जन्म की कहानी का वर्णन भागवत पुराण में विस्तारित रूप से किया गया है। कपिल मुनि द्वारा यह तथ्य भागवत पुराण में महाभारत की घटना के काफी बाद लिखे गए थे। बच्चे भगवान का तोहफा लेकिन फिर भी यह समय आधुनिक वैज्ञानिकों ...