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प्राचीनकाल की महत्वपूर्ण पुस्तकें in Sanskrit



1-अस्टाध्यायी - पांणिनी
2-रामायण - वाल्मीकि
3-महाभारत - वेदव्यास
4-अर्थशास्त्र - चाणक्य
5-महाभाष्य - पतंजलि
6-सत्सहसारिका सूत्र- नागार्जुन
7-बुद्धचरित - अश्वघोष
8-सौंदरानन्द - अश्वघोष
9-महाविभाषाशास्त्र - वसुमित्र
10- स्वप्नवासवदत्ता - भास
11-कामसूत्र - वात्स्यायन
12-कुमारसंभवम् - कालिदास
13-अभिज्ञानशकुंतलम्- कालिदास
14-विक्रमोउर्वशियां - कालिदास
15-मेघदूत - कालिदास
16-रघुवंशम् - कालिदास
17-मालविकाग्निमित्रम् - कालिदास
18-नाट्यशास्त्र - भरतमुनि
19-देवीचंद्रगुप्तम - विशाखदत्त
20-मृच्छकटिकम् - शूद्रक
21-सूर्य सिद्धान्त - आर्यभट्ट
22-वृहतसिंता - बरामिहिर
23-पंचतंत्र। - विष्णु शर्मा
24-कथासरित्सागर - सोमदेव
25-अभिधम्मकोश - वसुबन्धु
26-मुद्राराक्षस - विशाखदत्त
27-रावणवध। - भटिट
28-किरातार्जुनीयम् - भारवि
29-दशकुमारचरितम् - दंडी
30-हर्षचरित - वाणभट्ट
31-कादंबरी - वाणभट्ट
32-वासवदत्ता - सुबंधु
33-नागानंद - हर्षवधन
34-रत्नावली - हर्षवर्धन
35-प्रियदर्शिका - हर्षवर्धन
36-मालतीमाधव - भवभूति
37-पृथ्वीराज विजय - जयानक
38-कर्पूरमंजरी - राजशेखर
39-काव्यमीमांसा - राजशेखर
40-नवसहसांक चरित - पदम् गुप्त
41-शब्दानुशासन - राजभोज
42-वृहतकथामंजरी - क्षेमेन्द्र
43-नैषधचरितम - श्रीहर्ष
44-विक्रमांकदेवचरित - बिल्हण
45-कुमारपालचरित - हेमचन्द्र
46-गीतगोविन्द - जयदेव
47-पृथ्वीराजरासो - चंदरवरदाई
48-राजतरंगिणी - कल्हण
49-रासमाला - सोमेश्वर
50-शिशुपाल वध - माघ
51-गौडवाहो - वाकपति
52-रामचरित - सन्धयाकरनंदी
53-द्वयाश्रय काव्य - हेमचन्द्र

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धनु लग्न-गुण स्वभाव, स्वास्थ्य-रोग, शिक्षा एवं कैरियर आदि शारीरिक गठन एवं व्यक्तित्त्व धनु लग्न कुंडली में गुरु एवं सूर्य शुभस्थ हो तो जातक का ऊंचा लंबा कद, संतुलित एवं सुगठित शरीर, सुंदर गेहूंआ रंग, किंचित चौड़ी एवं अंडाकार मुखाकृति, चौड़ा एवं ऊंचा माथा, प्राय लंबी नाक एवं लंबी पुष्ट गर्दन, बादाम जैसी आकृति की चमकदार आंखें, बड़े किंतु सुंदर मजबूत दांत, बौद्धिकता के प्रतिक बड़े कान, श्वेत पीत वर्ण (यदि लग्न में मंगल की दृष्टि आदि का योग हो तो श्वेत लालिमा मिश्रित वर्ण) तथा ऐसा जातक सौम्य, हंसमुख, आकर्षक, सुंदर एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला होगा। चारित्रिक एवं स्वभावगत विशेषताएं धनु लग्न अग्नि तत्व राशि तथा लग्न स्वामी गुरु शुभ होने से जातक अत्यंत बुद्धिमान, परिश्रमी, स्वाभिमानी, पराक्रमी, साहसी, धर्म परायण, इनमें अच्छे बुरे एवं दूसरों के भावों को जान लेने की विशेष क्षमता होगी, जातक स्पष्ट वक्ता, इमानदार, न्यायप्रिय, व्यवहार कुशल, उदार हृदय, मिलनसार, नरम दिल, सिद्धांतवादी एवं अध्ययन शील प्रकृति का होता है। यदि सूर्य भी शुभस्थ हो तो जातक कुल में श्रेष्ठ, भाग्यशाली तथा इनकी बौद्धिक एव...

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